Sunday, December 1, 2013

पुल पर जड़े सैंकड़ो ताले



पिट्सबर्ग (अमेरिका ) सिन्ले पार्क ब्रिज का लम्बा पुल... पुल पर का यह दृश्य...सैंकड़ो ताले लटक रहे है।  बहुत समय से देख रहा हूँ।  जब भी घूमने के लिए निकलता हूँ, इस पुल को पार करते -करते विचार मन में आने लगते है।  क्या सचमुच यूँ पुल पर अपने नाम का ताला जड़ कर चाभी पानी के हवाले कर के विश्वस्त हुए लोग जिंदगी भर साथ रहेंगे। क्या आज भी सचमुच उनकी मान्यता ने उन्हें कभी न ख़त्म होने वाला साथ-- उपहार स्वरुप दिया होगा--- या जीवन की विडम्बनाओं से जूझते हुए कहीं अलग थलग सी कोई कहानी होगी उनकी... कौन जाने!
 
बहुत प्यारा सा कांसेप्ट है, ताले पर अपना नाम अपने प्रिय के नाम के साथ लिख कर यूँ पुल पर टांक दिया जाए और चाभी हमेशा के लिए बहती धारा के हवाले कर दी जाय।  फिर न कभी मिलेगी चाबी और न कभी खुलेंगे ताले, न कभी जुदा होंगे दो लोग...! काश ऐसा ही आसान होता जीवन का यह खेल। ताले चाभी के खेल सा सरल होता जीवन...

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