Monday, July 15, 2013

आत्मसंतुष्टी,

मैंने अपनी 
पोती से पूछा
कहाँ से आ रही हो ?

मैकडोनाल्ड से आ रही हूँ
पिछले सप्ताह मेरे जन्म दिन पर
कुछ फ्रेंड्स नहीं आ सके थे
उनको आज पार्टी दी थी।

अब क्या करोगी ?
मैंने फिर पूछा-
बस कुछ नहीं आज टी. वी.
पर एक नया सिरियल आ रहा है 
मिस्टर पम्मी प्यारेलाल
उसी को देखूंगी। 

मैंने कहा -
तुम्हें राजस्थानी भाषा का शौक है
इसलिए मैंने कुछ कवितायें 
राजस्थानी में लिखी है 
तुम पढ़ना।

दादाजी आपको तो पता है
इस साल बोर्ड एग्जाम है
कितनी मेहनत करनी पड़ रही है
एक मिनट का समय नहीं है।

मैं सोचने लगा
क्या इसको कभी समय मिलेगा ?
क्या वो कभी पढ़ पाएगी 
मेरी लिखी कविताऐ ?

अभी बोर्ड का एग्जाम है
फिर कॉलेज की पढ़ाई है
आगे चल कर सर्विस करनी है 
एक दिन नयी गृहस्थी सम्भालनी है।

अपनी आत्मसंतुष्टी के लिए
मैं एक गहरी सांस लेता हूँ और 
सोचता हूँ शायद कभी मेरी उम्र में।

NO























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