Thursday, June 30, 2011

कृष्णा को जगाओ

                                            
मेरा कृष्णा सोया है
आओ उसे जगायें |

भाई सूरज इस खिड़की
से अन्दर आओ |

मेरे कृष्णा को
प्यार से जगाओ |

भाई पवन इस दरवाजे
से अन्दर आओ |

मेरे कृष्णा को
सहलाकर जगाओ |

भाई पंछी मुंडेर से
निचे उतर आओ |

मेरे कृष्णा को
गीत सुनाकर जगाओ |

देखो देखो
कृष्णा उठ रहा है |

किरणों  का सत्कार,
पवन   का आभार,
पंछी को   है  प्यार |


कोलकत्ता
३० जून,२०११

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