Wednesday, September 22, 2010

बुजुर्गों की शिक्षा



बड़े बुजर्गों ने फरमाया कि
परिवार के साथ रहो 
अकेले मत रहो 

अकेले रहते हो तो
ज्यादा दिन 
घर से बाहर मत रहो 

ज्यादा दिन बाहर
रहने से घर 
बिखर जाता है 

लेकिन उसने
बुजुर्गो की सीख पर
ध्यान नहीं दिया

अकेला रहने लगा 
कईं दिनों के बाद 
घर आने लगा 

एक दिन वही हुवा
जो बुजर्गों ने कहा था
आज घर बिखर गया था

पड़ोसियों ने बताया
"वो" किसी के साथ
चली गई

गहने कपड़े भी 
ले गई
बैंक बैलेंस भी 
साफ़ कर गई

अब वंहा घर नहीं था
सूना मकान था और
उम्र भर का पछतावा था।




कोलकत्ता
२२ सितम्बर, २०१०

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