Friday, September 4, 2009

बिल्ली को बुखार




पूसी बिल्ली को हो चढ़ा बुखार
टेम्परेचर हो गया एक सौ चार

भोलू डॉक्टर को उसे दिखाया
उसने पूसी को वायरल बताया

झट एक इंजेक्शन लगवाया
फ़िर थोड़ा परहेज़ बताया

नहीं दौड़ोगी चूहों के पीछे 
नही खाओगी  दूध मलाई  

सोंठ डालकर काढा पीकर
तुम सोओगी ओढ़ रजाई

अभी करोगी तुम आराम 
 पूसी को हो गया जुकाम।





कोलकत्ता
४ दिसम्बर, २००९


(यह कविता "कुमकुम के छींटे" नामक पुस्तक में प्रकाशित  है )

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